हमसफ़र और चाँद


 रात के तकरीबन 2:00 बज रहे थे । चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था। पूरा शहर रात की आगोश में समाया हुआ ख्वाबों की हसीन दुनिया में गोते लगा रहा था।  गलियों में कुछ  आवारा कुत्तों के  भौंकने की आवाज़ें आ रही थीं ।  रिया अपने छत के किनारे वाले हिस्से पर बैठकर टिमटिमाते हुए तारे और खिलते हुए चाँद को देख रही थी।  उसे यूँ अकेला बैठ कर चांद और तारे देखना बहुत पसंद था वो अक्सर घंटों ऐसे ही अकेले चाँद को देखा करती थी। आज आसमान में कुछ  बादल भी छाये हुए थे। वो एकटक चाँद को निहारे जा रही थी। ऐसा लग रहा था के चांद तेजी से भागा जा रहा है । हालांकि वो साइंस की पढी-लिखि स्टूडेंट थी । उसे चाँद तारों की गर्दिश का इल्म था । उसे पता था कि यह चांद इतनी तेज़ भाग नहीं रहा बल्कि यह बादल इसके दूसरी तरफ तेजी से भागे जा रहे हैं जिसकी वजह से चांद भागता हुआ दिख रहा है, लेकिन वो अपने ख्यालों में ऐसे गुम थी के उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था । वो चाँद को देखते देखते खुद ही खुद में बड़बड़ाने लगी "मैं तुमसे चाँद तारों की फरमाइश नहीं करने वाली, मुझे चाँद तारे तोड़ कर लाने के वादे मत करना बस मेरे साथ यूँ ही घंटों बैठ कर चाँद को निहारने का वादा चाहिए मुझे "।

दरअसल वह शाम की बहसो मुबाहसा के बीच से शायद अभी तक निकल नहीं पाई थी के कैसे उस की शादी की बात आते ही सबने अपनी अपनी पसंद सामने रख दी । हालांकि घरवाले मॉडर्न ज़माने के मॉडर्न खानदान वाले थे जिसकी वजह से उसे अब तक कोई दिक्कत पेश नहीं आई लेकिन उसने आस पड़ोस में देखा था के लड़की की शादी का तज़कीरा छिड़ते हीं लोग कैसी कैसी फरमाइश पेश करते हैं  । मांओं को अच्छा कमाने वाला दामाद चाहिए होता है , सरकारी नौकरी हो तो सोने पे सुहागा ताकि बिटिया को बाद में कोई परेशानी ना झेलनी पड़े । सहेली और बहनों को गोरे जीजा जी चाहिए होते हैं ताकि मुहल्ले में मिसाल दी जाए और हाँ मज़ाकिया ज़रूर होने चाहिए वर्ना जूता चुराई वाले रस्म पे गुस्सा हो गए तो ? बाबूजी की अक्सर चाहत होती है के खानदान अच्छा हो ताकि कभी बेटी के यहाँ जाना हुआ तो गर्व महसूस हो के बेटी के ससुराल वाले बड़े ख़ानदानी हैं। इन सब के बीच कोई उस लड़की से पूछना शायद ज़रूरी नहीं समझता के उस को कैसा लड़का पसंद है ?


 क्या शादी करने के लिए  कुछ बुनियादी शर्तें भी होती हैं ? क्या शादी मोटे पतले होने की बुनियाद पर की जाती है ? क्या शादी उम्र की बुनियाद पे की जाती है, या फिर कमाई की बुनियाद या फिर नौकरी की बुनियाद पे? 

क्या सिर्फ गोरे लोग ही खूबसूरत होते हैं? काले भी तो खूबसूरत हो सकते हैं, दिल से। बगल में सुषमा आंटी ने अपनी बेटी रेशमा की शादी गोरे लड़के से करवाई तो थी , फिर क्या हुआ? अब वो उसे धौंस दिखाता रहता है के मैं तो गोरा हूँ, खूबसूरत हुँ कहीं भी कोई भी लड़की मुझसे शादी कर लेगी । तुम्हारा क्या होगा? बेचारी की ज़िंदगी बर्बाद हो गयी।  क्या सिर्फ नौकरी वाले से ही शादी की जा सकती है? नौकरी तो मैं भी कर सकती हूं ,मैं भी तो पढ़ी लिखी हूं। और हाँ  मंजू आंटी ने अपनी बेटी अबीरा के लिए ढूँढा तो था सरकारी नौकरी वाला, अच्छा कमाने वाला दूल्हा । फिर क्या हुआ ? दो साल भी न गुज़रे के दोनों के बीच मनमुटाव हो गया। अब बेचारे इनके बच्चे पर बुरा असर पड़ रहा है। क्या मोटा होना गुनाह है सारे लोग पतले लोगों से शादी करेंगे तो मोटे लोगो का क्या होगा?

क्या सिर्फ खानदान के अच्छे होने से शादी भी अच्छी होती है । सलमा आंटी की बेटी हाएमा की शादी कराई तो थी अब्दुल चाचा ने खानदान देख कर । बाद में पता चला के लड़के को बुरी लत ने घेरा हुआ है और अब पछताते हैं, कहते हैं के वली के घर शैतान पैदा सिर्फ सुना था अब तो मुज़ाहिरा भी हो गया ।

इसी उधेड़ बुन में उसने एक बार फिर कहा "क्या सिर्फ इस बुनियाद पे हमसफर नहीं चुन सकते के वो मेरी हाथों में हाथ डाले मेरे साथ घंटों मेरी तरह चाँद को निहारता रहे? 

कुछ देर खामोशी से चांद को तकते रहने के बाद जब जवाब में खामोशी ही मिली तो फिर सारे उलझे और न सुलझ सकने वाले सवालों को वहीं छोड़ रिया चल पड़ी अपनी पसंदीदा मैग्गी की तरफ़  और वो सवाल अब तक उसी छत के किनारे वाले हिस्से पर इंतेज़ार में हैं के कोई उन्हें सुलझाये लेकिन फिर सवाल ये के कौन?

✍️ Er Aurangzeb Azam

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